आता मैं लौटकर Ghazal Prem

Ghazal Prem

आता मैं लौटकर

गर देखते तुम पलटकर

मेरे कदम रूक गए थे

तुझपे एतबार देखकर

मगर तुझे प्यार नहीं था

यूॅं ही चले गए दिल तोड़कर

शायद ! मेरा दिल धड़क रहा था

तेरा नाम ले- लेकर

मैं ढूंढ रहा था यही कहीं

ये मस्ती के बहार देखकर !!


प्यार उनके लिए

एक शब्द है

जिसमें भाव नहीं

लगाव नहीं

यूं सबको उपदेश दे देते हैं

खुद का कोई चाव नहीं

गर इश्क होते

तो उनके हालात ऐसे होते

समझा पाते किसी को

प्यार की परिभाषा !!!

-राजकपूर राजपूत''राज''



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