shayari on tea
खुशबू तो देखो
चाय की चुस्की तो देखो
घूंट घूंट में तेरी यादें हैं
मिट गई मेरी थकान देखो
तुम जितनी याद आए
मुझे उतने ही तरसाए
तेरे लिए मेरी तड़प तो देखो
मैं आज भी जीने के लिए आतुर हूं
बस एक नजर तो देखो
मुरझाए फूल खिल उठेंगे
अपना स्पर्श करके तो देखो
मेरी आंखों की तड़प समझ जाओगे
मेरी नजरों में बसकर तो देखो
थका हुआ आदमी
चाय की घूंट के साथ
अपनी थकान भी पी जाता है
सप -सप !!!
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