धर्म और विज्ञान poetry on religion

poetry on religion

हिन्दू होना मतलब

स्वतंत्र होना है

विचार से

जीवन शैली से

विविध जीने के तरीके

जिसे जो चाहिए

अपना लें

एक ही घर में

कई तरह के लोग

कई तरह के खान-पान

सोच विचार

लेकिन समझ सबकी एक जैसी

जीने के तरीके को

सबका सम्मान

यही हिन्दू की पहचान !!!

poetry on religion

 कभी-कभी मिल जाएंगे

वैज्ञानिक जैसे लोग

जो आपको बताएंगे

ज्ञान के गुण रहस्य ‌

शास्वत सत्य को

जैसे,,,,

शरीर के ऊतकों का निर्माण

कारण, प्रकृति

क्रिया-प्रतिक्रिया

और आपमें

अपने ज्ञान से

वैराग्य भर देंगे

जीवन का महत्त्व कम कर देंगे

ठीक धर्म के नाम पर

जैसे होता है

हिन्दू धर्म के अनुसार 

जैसे

जीवन के प्रति दृष्टिकोण होता है

सारी दुनिया मोह-माया

(कुछ धर्म विशेष को छोड़कर

क्योंकि वह मरने मारने को 

प्रोत्साहित करते हैं

जिसके लिए उनका धर्म

विज्ञान से बड़ा है

उसके विरुद्ध मुंह नहीं खोला है

कायर चुपचाप खड़ा है )

जबकि ये विज्ञान

हिंदू धर्म के विरुद्ध काम करना

एजेंडा स्थापित करना

हिंदू धर्म को बदनाम करना

ताकि हतोत्साहित हो

इसे मानने के लिए

थकाया जा सके 

शर्मिंदगी भरने के लिए

जबकि 

विज्ञान और हिन्दू धर्म

एक ही नजरिया है

जीवन की तलाश

फ़र्क इतना है

जहां विज्ञान 

भोगवादी और उपयोगिता से

कीमत आंकते हैं

वहीं हिन्दू धर्म

त्याग से 

जिसे आजकल व्यक्तिवादी

नहीं समझते हैं !!!


जो निश्चित घेरा में बंधे हैं

वह धर्म नहीं गधे हैं

खुद के सिवा

कोई बड़ा नहीं

तर्क करने को कोई खड़ा नहीं

ये कोई बात है

चिंतनशील कभी दौड़ा नहीं !!!

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