ज़रा सी रोशनी भी poetry on life -ummeed

poetry on life -ummeed 

 ज़रा सी रोशनी भी

काफी है अंधेरा हरने के लिए

उम्मीद न छोड़िए जीवन में

यही आस काफी है जीने के लिए

तुम सुनें मेरे दिल की

यही अहसास काफी है प्यार के लिए

किनारे बैठकर सोचने से अच्छा

गिरते -गिरते चलना अच्छा है सफ़र के लिए

हर कोशिश राह आसान करेगा

बार -बार कोशिश काफी है मंजिल के लिए

उम्मीद किसी से क्या करना

अपना भरोसा है जीने के लिए 

गैरों का सलाह वाजिब हो जाता लेकिन

मेरा नज़रिया मेरा अहसास काफी है पहचान के लिए !!!

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