जीना तो है poem on life

 poem on life

कैसे भी जीना तो है

सर्दी हो या गर्मी

तपना तो है

मरना आसान है

जीना कठिन

जहर पीना तो है

न हो उदास

मंजिल मिल जाएगी

पथरीली राहों पे

चलना तो है  !!!!

poem on life

मरना ही बेहतर है 

यदि जी न सको 

अपने जीवन को 

जीवन तो उसके व्यर्थ है 

जिसने जीवन को 

स्वतंत्रता दिवस की तरह 

खुशहाली से न जी सकें 

उन्मुक्त होकर 

अपना जीवन 

दूसरों पर सौंपकर 

निर्णय स्वयं पर थोपकर 

जीवन मृत्यु के समान है 

उसे अब जीने का न अधिकार है !!!!


मुर्ख लोगों ने स्टेटस डालकर 

यह जताया कि 

वह बेहतर है 

अपनी जिंदगी में 

जबकि असल जिंदगी 

दिखाई नहीं जाती है !!!!



Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ