समझदार poem on wisdom.

 poem on wisdom

जो समझे हैं वही समझदार है

चाहें दिल की बात या हालात

हर परिस्थितियों में सामंजस्य बैठा दें

वहीं इस धरा पे आदमी की जात !!!

 poem on wisdom

समझदार वो नहीं है

जो युक्तियां बना लेते हैं

अपने मतलब निकालने के लिए

किसी कमजोर व्यक्ति का शोषण के लिए !!!


जो वर्तमान में चलन है

उनका जो अनुसरण है 

अति करने पर

रूढ़िगत विचारों में परिवर्तन हो जाता है !!!


जिसे अपने हितों का ख्याल है

उसके टूटने पर मलाल है

वो एक चालाक इंसान हैं !!!!


चालाक लोगों ने

बड़ी ही चालाकी से

अनैतिक कार्यों को

नैतिक मूल्यों में परिवर्तित कर दिया है

वर्ना लोग यूं ही गिरगिट नहीं बनते !!!!


वो शिक्षित होने का दावा भले कर लें

शिक्षा पर जोर देते हैं ज़रूर

वैज्ञानिकता अपनाएं हो भले

लेकिन दृष्टिकोण

पूर्वाग्रही है

जो आरक्षण जिंदाबाद कहते हैं

और बदले की भावनाओं से

अपने लिए पा कर

जो खुश हैं

बहुत

मगर अभी शिक्षित नहीं हुआ है !!!


समझदार तब कहें जाओगे

जब दूसरों का सम्मान कर पाओगे !!!


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