रिश्ते नाजुक होते हैं

ghazal on love  रिश्ते नाजुक होते हैं - क्योंकि एक दूसरे की आशा और विश्वास से बंधे हुए होते हैं । आशा और विश्वास की सीमा तब तक है जब तक एक दूसरे की जरूरत प्राप्ति की उम्मीद रहती है । रिश्ते चलाने के लिए एक ऐसी समझ की जरूरत होती है जो बिन कहे समझ जाए । रिश्तों की बातें । यदि समझ नहीं पाते हैं तो रिश्ते चलने में कठिनाइयां आती है । 

ghazal on love 

 रिश्ते नाजुक होते हैं

इसे दिल से समझना होता है

टूट न जाए नाजुक धागे

बड़े प्यार से सम्हालना होता है

न कोई हार है न कोई जीत है

सफ़र साथ-साथ करना होता है

गैरों से नहीं करते गिला-शिकवा

ऐसे में ये प्यार कहॉं होता है !!


रिश्ते नाजुक होते हैं

जो खास होते हैं 

जो सम्मान का हकदार होते हैं

ज़रा सी चोट 

और चकनाचूर होते हैं 

सम्हाल कर रखना यारों

रिश्ते अपने भी होते हैं

पराएं भी होते हैं !!


इकाई था मैं

तुमने जोड़कर संबंध

रिश्ता बना दिया

जैसे बादल बिन

धरती प्यासी

चांद सितारों बिन

आसमां सुना

उससे ज्यादा

कई गुना

बिन तेरे

मेरा जीवन सुना !!


झंकृत हो जाती

भर जाते 

मेरा सुनापन 

यदि तुम आ जाते 

मेरे जीवन में !!!

रिश्ते नाजुक होते हैं

जब भरोसे कम होते हैं

टूट कर बिखर जाएगा

जो समझें तो सम्हल जाएगा !!!

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