गुजारिश है momentary

momentary- सच्चा प्रेम कभी दबाव नहीं डालता है । जबकि अनुमति मांगता है । अपने प्रेमी से । उसकी दया की । जो हर पल अपना स्थान प्रेमी के हृदय में बनाने की कोशिश करते हैं । त्याग करते हैं । जो दबाव बनाने की कोशिश करते हैं । वो प्रेम नहीं कर पाते हैं । पूरी जिंदगी में । 

कविता हिन्दी में 👇👇

momentary

गुज़ारिश है तुमसे

जो भी कहना

सामने कहना

ताकि समझ सकूं

तेरे दिल की बात

और सुधार सकूं खुद को

तुम्हारे अनुसार  

माना कुछ वक्त लगेगा

लेकिन मैं

बदल जाऊंगा

तेरे अनुसार

मेरे पास

जो कुछ है

सब कुछ तेरा

अब कुछ भी नहीं

मेरे अनुसार!!!

momentary

गुज़ारिश ही की थी

मोहब्बत ही की थी

तुम्हारी अनुमति की

तुम्हारी आंखों को पढ़ा था

तेरे सीने में प्यार देखा था

हृदय के निशब्द को

बाह्य रूप में

देखने की

गुज़ारिश की थी !!!!


वो कवि ही था

कविताएं लिखते थे

कवि जैसे दिखते थे

भाव भंगिमा और शैली

कवि जैसे

बहुत ओज पूर्ण

वक्ता

लेकिन बार-बार लिखने का स्वभाव

एकतरफा

मानों किसी पार्टी

किसी पंथ का समर्थन

विपरित का विरोध है

इसलिए कवि पंगू है

किसी दिव्यांग की तरह !!!

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तुम आना 

momentary





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