उदास आंखें Poetry Sad Eyes

Poetry Sad Eyes 

 ये उदास-उदास आंखें

शिकायत बहुत है जमाने से !!!



जिसकी आंखें नहीं है 

उसे लगता है दुनिया बहुत सुंदर है 

उससे सुन्दर है 

जिसकी आंखें हैं 

जो दुनिया देख रही है 

इससे ठीक विपरीत है 

वो जिनकी आंखें हैं 

दुनिया को नहीं देखती है 

ठीक वैसे जैसे अंधे आदमी देखता है 

सुन्दर !!!!!

Poetry Sad Eyes

आंखों ने देखी 

और मन को समझा लिया 

बार-बार देखने से 

दिल को बहला दिया 

आंखों की अपनी सोच है 

जो देखी 

मान ली !!!!


किसी की आंखें नहीं होती 

होती है तो भी 

देख नहीं पाते हैं 

साफ-साफ 

उसे दिखाया जाता है 

अच्छे-बुरे इंसानों द्वारा 

रास्ता !!!!!

इन्हें भी पढ़ें 👉 हम मिले भी तो अजनबी की तरह

- राजकपूर राजपूत 


Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ