जिसने मन को साध लिया

Poem Maan par

 जिसने मन को साध लिया

उसने जीवन को बांध लिया

क्षणिक है सुख दुःख जीवन में

उसने जगत क्षणभंगुर जान लिया

कुछ लेना न देना किसी से

हरदम हंसना जान लिया

यहां कोई किसी का नहीं प्यारे

अपना कर्म पथ पहचान लिया

जो होगा सो होगा तू क्यों परेशान

ईश्वर समर्पण जान गया !!!

मन बड़ा चंचल है

जीवन का झंझट है

जो बहते हैं मन के साथ - साथ

उसके आते नहीं कुछ भी हाथ

मगर जिसने इसको काबू किया

उसने जीवन में जादू किया

जो चाहा सो पाया है

जीवन अपना संवारा है !!!!

इन्हें भी पढ़ें 👉 बरसों रे ! बादल 



Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ