निरोगी काया Poetry_Nirogee Kàya


Poetry_Nirogee Kàya ये संसार तब ही भाता है जब हम स्वस्थ हैं । स्वास्थ्य खराब तो नसीब खराब । निर्णय लेने की क्षमता भी स्वस्थ शरीर में ही आता है । स्वस्थ शरीर हर चुनौतियों का सामना करने के लिए ताकत देती है । स्वास्थ्य ठीक है तो सब ठीक है । कहते हैं स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन बसता है । 

कविता हिन्दी में 👇👇

Poetry_Nirogee Kàya

पहला सुख निरोगी काया

तभी मिलेगा दुनिया की माया

स्वास्थ्य रहेगा तन मन

सबकुछ तब भाया

जब बरसात होगी

मन मयूर नृत्य कर गाया

स्वस्थ वहीं रहेगा

जो जीने के लिए खाया

जो जान लेंगे वो मान लेंगे

कभी धूप कभी छाया 

इतना तो याद रखना

पहला निरोगी काया

उसके बाद है

ये दुनिया की माया !!!


सब कुछ अच्छा है

जब स्वास्थ्य अच्छा है

मन वहीं टूटेगा

जब स्वास्थ्य रूठेगा

जतन कर लो तन की

तो फ़िक्र न होगी कोई बात की

मन, से तन जुड़ेगा

तब ज्ञान का द्वार खुलेगा !!!

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Poetry_Nirogee Kàya


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