Net and Chat Poetry
नेट और चैट
प्यार में भेंट
फ़ालतू है
रिश्तों की रेट !!!
Net and Chat Poetry
जितने बोलें
उतना घोलें
जो चुप रहा
वे डोलें !!!
अभी शुरुआत है
रिश्तों के टूटने की
जिस दिन जानेगा
कमी होगी
मोहब्बत की
सारी दुनिया में !!!
सोशल मीडिया
बेवकूफ बनाने की
दुनिया
चालाक लोगों ने
तमाशा किया है
सवाल छोड़
उत्तर नहीं दिया !!!
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