Kavita Zindagi -ki
जिसने दिल की बात न मानी
उसने कभी खुशी न जानी
ये सच है सफलता मिलेगी दिमाग से
वो आदमी अलग हो जाएगा जग से
मगर दिमाग का क्या भरोसा है
कई तर्क दे-दे के परोसा है
ठहरता नहीं कभी जीवन में
थकान भर देता है तन-मन में
हॉं ये अलग है कि कुछ युक्ति है
दिल और दिमाग में संतुलन की संतुष्टि है
जो बैठाता है तालमेल
खेलता है जीवन का खेल
बेहतर इंसान वही बन पाएगा
जो दिल और दिमाग को समझ पाएगा !!!
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