लॉकडाउन में हाल

Lockdown me haal 


 आराम के बाद आराम करता हूँ 

मैं सुबहों शाम यही काम करता हूँ 

तुम्हें यकीन नहीं होगा कभी 

सो के थक जाता हूँ तो फिर सो जाता हूँ

ये करोना ही कुछ ऐसा है कि

मैं चाह कर भी तुझे भूल जाता हूं

ये दूरी भी जरूरी है मैं जानता हूं

मिल न सके कोई ग़म नहीं ख्यालों में तुझे पाता हूं 

-राजकपूर राजपूत 


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