ऊंचाई

अक्सर पैसों की ऊंचाईयों पर 

चढ़ें लोगों को 

नीचे खड़े लोग छोटे दिखाई देते हैं 

अक्सर नफरतों से पले-बढे़ं लोगों को 

प्रेम दिखाई नहीं देते हैं 

अक्सर यूँ होता है 

जो सवाल करते हैं 

उसे जवाब देना नहीं आते हैं 

जो जिस ऊंचाई में है 

उन्हीं के करीब होते हैं 

चाहे प्रेम के हो 

या नफरत के 

अंतर सिर्फ यहीं है 

आप किस ऊँचाई पर चढ़ें हो 

ये आपकी समझ पर निर्भर करता है 

जो ऊँचाई की कीमत है


Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ