Jindgi ko jisaki talash thi Kavita Hindi
उम्मीद तो बहुत थी
जीने की राह बहुत थी
अब क्या तुम्हें बताएं
केवल साथ तू नहीं थी
ये दरिया,नदियॉं, फूल पत्ते
सब थे यहॉं अच्छे-अच्छे
अब क्या तुम्हें बताएं
तुझ बिन सब फीके-फीके
दिल मेरा यहॉं ठहरा था
हृदय प्रेम से भरा था
जिंदगी को जिसकी तलाश थी
केवल वही मेरे पास नहीं थी
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