Tumhen Kasam hai meri kavita
तुम्हें कसम है मेरी
तू जान है मेरी
अगर चले गए छोड़ के
न धड़कन मेरी न जान मेरी !!
Tumhen Kasam hai meri kavita
वो अपने वादे पर ही टिक न पाया
न हमने कभी कसमें ली न दी
बेवजह वादा करके उल्फत न लो
जो हो सकता नहीं हमने ऐसे कसमें न दी
चांद - सितारे तोड़ कर कौन ला सकते हैं
हमने तो अपनी मोहब्बत उसके कदमों पे रख दी !!
हमने न वादा किया
न हमने प्यार ज्यादा किया
जितना बन पड़ा
उसके मुताबिक प्यार ज्यादा किया
न हमने उसे बंधन में डाला
प्रेमी परिंदे है उड़कर आएगा
भरोसा ज्यादा किया
वो मेरी हैं मैं उसकी
एतबार ज्यादा किया !!!
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