Tarif par ghazal
उन्हें तारीफ सुनने की आदत है
इसलिए चेहरा बनाकर रखते हैं
बेशक वो काबिल नहीं है फिर भी
ऐसे दिल में अरमान रखते हैं !!
तारीफ़ क्या की उसकी
छूटे दिल से हंसी उसकी
तारीफ़ सुनने की आदत है उसकी
अहंकार की जिन्दगी है जिसकी
सच सुनने की आदी नहीं है वो
असलियत सुनने की औकात नहीं जिसकी !!
कठोर रास्ते पे चलने की आदत नहीं है उसकी
झूठे तारीफ पे मुस्कुराते हैं !!
तारीफ़ पे जीने वाले हैं
झूठ को सच मानने वाले हैं
क्या उम्मीद करना उससे
जो झूठ के भरोसे जीने वाले हैं !!!
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