Poem Becomes a Dream in Someone's Eyes
चॉंद हमारी बात तो सून
सफ़र में क्यों तन्हा है
साथ चलेंगे हमें भी तो चून
मस्ती का आलम होगा
और सीने में प्यार की धुन
तनहाई सारी बिसर जाएगी
कोई ऑंखों में ख्वाब तो बुन !!!!
Poem Becomes a Dream in Someone's Eyes
मैं कविता लिखता रहा
आंख मूंद कर
मुझे भरोसा था
मेरे सच पर स्थापित होंगे सारी दुनिया
वहीं एक ओर
उपद्रवी ने समूह बना लिए
सच के लिए नहीं
झूठ के लिए भी नहीं
उसे स्थापित करना था
अपना विचार
जिनकी संख्या
अधिक थी
जो आ जाते थे कभी
मेरे सच का समर्थन करने
छलावा करने के लिए
जिससे मेरी कविताएं प्रोत्साहित हुई
और मैंने नहीं देखा
उसमें बुराई
मेरी कविताएं अंधी हो गई
अपने तारीफ से
और मैं लिखने लगा
आतंकियों के लिए
कितना बदल दिया
मेरी कविताओं को
उपद्रवियों के समूह ने !!!!
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