सच्चाई आदमी की -
आदमी की अच्छाई सामने है बुराई छुपी है
बस वक्त आने दे उसकी नीयत दिखी है
ये भाईचारा, इंसानियत की बातें फ़ालतू है
ये बातें खुद के लिए नहीं दूसरों के लिए सीखी है
ये जितने नामचीन हस्तियॉं है ना इस जमाने के
दूसरों की तरह उसकी उंगलियॉं सदा उठी है
न जाने कितने बरसों से हमें प्रेम सीखा रहे हैं
जिसने जिंदगी में कभी मोहब्बत नहीं सीखी है
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