मेरी बेचैनी बढ़ाती है

तुम्हारा चुप रहना
मेरी बेचैनी बढ़ाती है

सोचता हूॅं आखिर मुझसे
गलती क्या हो जाती है

मेरी जान है तेरी मुस्कुराहट पे
जिसे देख तसल्ली हो जाती है

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