फिर से काम पे लौट जाओ

फिर से काम पे लौट जाओ



फिर से काम पे लौट जाओ
सुबह हो गई है अब जाग जाओ

ये सफर है धूप होगी तपन होगी
न कर मलाल अपने सफ़र में लौट जाओ

यहॉं जीना कठिन है मरना आसान
जिंदगी संवरेगी अपनी तलाश में लौट जाओ

और क्या चाहिए तुम्हें पहले पूछो खुद से
जो न मिला कभी उसे छोड़ आगे बढ़ जाओ 

वक्त का सितम ढाने दें तू परवाह न कर
चुनौतियां ऐसी दो लहरों के उस पार जाओ 

-राजकपूर राजपूत 

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