कुछ असर होता है

कुछ असर होता है
कभी प्यार होता है
मतलब निकालते हो
स्वार्थ सब-कुछ होता है
बहलाना अब छोड़ दो
बहलाने से क्या होता है
कभी आदर्श प्रस्तुत करों
सवाल उठाने से क्या होता है
तुम्हारी औकात ही इतनी है
लकीर काटने से क्या होता है



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