तेरे ख्यालों में खोया था Poetry in your Thoughts

Poetry in your Thoughts 
तेरे ख्यालों में खोया था
तड़पकर मैं सोया था

किसी बच्चे की तरह
पांव फटकर रोया था

हॅंसते हैं ये सारा जमाना
जब तेरी याद में खोया था

तुम्हें देख ऑंखें भर जाती है
मेरा दिल कितना भोला था

इश्क आसान नहीं दर्द बहुत हैं
नादान दिल को मैं बोला था !!!

Poetry in your Thoughts


प्रेम को समझ पाना कठिन है
ठीक वैसे ही जैसे हवा को देख पाना

इसलिए एक्का दुक्का लोग प्रेम कर पाते हैं
लेकिन शादी को समझ जाते हैं

उम्र, लड़का लड़की, बराबर बिरादरी
लड़के लड़कियां भी जान जाती है

शादी के बाद क्या होता है
इसलिए सब आसानी से शादी के लिए
तैयार हो जाते हैं !!!!


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