लोग अब दिमाग से जीते हैं दिल से नहीं

लोग अब दिमाग से जीते हैं दिल से नहीं 
ऐसे बदलते हैं आज अच्छा कल से नहीं

हुनरमंद लोगों की आदत है बहस करना
जिसे सिर्फ सवाल से मतलब है हल से नहीं

चुनावी माहौल के वादों का क्या भरोसा करें
कुछ भी करेंगे जिसकी आस्था गंगाजल से नहीं

उसकी तारीफ की बातों में कई राज़ छुपे हैं
ऑंखों की हया छुपी है लेकिन काजल से नहीं
---राजकपूर राजपूत''राज''
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