मौर(फूल) आ गया है
पेड़ों पर
लेकिन
अभी ध्यान नहीं है
पेड़ों पर
फल लगने दें
कुछ पकने दें
दो चार पत्थर पड़ेंगे
पेड़ों पर
इंसानों का !!!!
मैंने प्रेम में
केवल महसूस नहीं किया
तुझमें
प्रेम
या मेरे भीतर की पीड़ा
सहसा तुम्हें देखकर
कम न हुई
बल्कि तुम्हारी पीड़ाओं को
महसूस किया
और मुझे लगा कि
हम दोनो एक है
यह जानकर
अलग होना
या दूर जाना
ठीक नहीं है !!!!!
0 टिप्पणियाँ