हम किसी को अपने नजरिए से नहीं समझ सकते हैं । poem on understanding in hindi अपनी नज़र अपनी चाहत, भावनाओं को ही पढ़ सकते हैं । सामने वाले को अपने अनुसार बदलने की कोशिश करने लगते हैं । जो कि पूर्णतः गलत है । यदि कोई किसी को समझना चाहता है तो उसकी नज़रों से समझने की कोशिश कर सकते हैं । जिससे रिश्ते आसानी से घुल-मिल सकते हैं । अन्यथा गतिरोध की स्थिति रहेगी । पढ़िए इस पर गजल 👇👇
poem on understanding in hindi
मुझे समझने के लिए
और प्रयास करना होगा
नजरिए अलग तो इरादे अलग
तुम्हें भी इश्क करना होगा
कठिन नहीं है सफ़र कभी
हर दर्द को हॅंस के सहना होगा
मेरे दिल की आवाजें सुनाई देगी
बस तुम्हें ध्यान से सुनना होगा
दिलों की नफ़रत में क्या है "राज"
तुझे भी प्यार में करना होगा !!
मुझे समझने के लिए
तुझे अपने नजरिए में बदलाव जरूरी है
नहीं बदला यदि नजरिया तो मुश्किल है साथ
आज नहीं तो कल तुझे छोड़ना पड़ेगा साथ !!!
तुम्हारा आईना नहीं हूं मैं
जिसमें चेहरा देखोगे तुम
मैं वो समन्दर हूं
मुझमें डूबने के बाद समझ पाओगे तुम
जितनी समझ पाओगे
डूब जाओगे तुम !!
मुझे समझने के लिए
तुम्हें अपना नजरिया बदलना होगा
यदि प्रेमी हूं तो प्रेम का मर्म समझना होगा
नफरती हूं तो नफ़रतों का रहस्य समझना होगा
तब तुम अनुभव कर पाओगे
मुझे !!!!
समझने के लिए
समझाने की जरूरत नहीं है
समझने वाले समझ जाते हैं
बिन कहे
जरूरतों को !!!!
तुम्हारे अच्छे दिन आए थे
तुमने स्वीकारा नहीं
दुनिया क्या कहेगी
सोचकर
तुमने जाने दिया
गैरों की बातों को
महत्व दिया !!!!
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