Tips in Love Poetry
प्रेम में युक्तियॉं
नहीं होती हैं
और न ही
चालाकियॉं होती हैं
प्रेम दिल के भाव है
ऑंखों के ख्वाब है
जहॉं दिमाग नहीं लगते हैं
कह नहीं सकते हैं
अपना दर्द
दिल और मन में
तस्वीर रहती है
यार की
जिससे गुफ्तगू होती है
रात-दिन
ख्यालों में
ख्वाबों में
जो बुद्धि से परे हैं
किसी चालाक आदमी से
बहुत दूर
इतने दूर
उसकी समझ
से परे !!!
Tips in Love Poetry
प्रेम में
न डर है
न भय है
न आशंका
न शंका
न गुलामी
न सलामी
प्रेम तो बंधनों से मुक्त
उड़ान है
जो प्रियतम के सहारे
घुमता-फिरता है
सारा जीवन
निश्चितता में
मेरा सहारा है
प्रेम
मुझे गिरने नहीं देगा
जीवन में !!!!!
---राजकपूर राजपूत''राज''
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