रातभर,, तुम्हारी याद

अंधेरे की आवाज
कभी सुनी हो
मेरी तनहाई की सिसकियॉं
झीगुरें की आवाज-सी
निरंतर चलती है
रात भर

ठीक उसी तरह
तुम्हारी याद
और मेरी तड़प चलती है
रातभर
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