Ishq Hai Kitna Poem
इश्क़ है कितना
जता नहीं सकते
मुझे इश्क है क्यों
ये बता नहीं सकते
गूंगा है बहरा है
लोग क्या समझाएं
बता नहीं सकते !!!
बता नहीं सकते
कितना प्यार है
जता नहीं सकते
तुम अच्छे लगते हो
क्यों ! समझा नहीं सकते
दिल नहीं लगता
मन नहीं समझता
कौन नहीं समझाएं
मगर समझ नहीं सकते !!!
Ishq Hai Kitna Poem
बता नहीं सकते
किसी को समझा नहीं सकते
लोग अपनी धारणाएं नहीं बदली
कितनी गलतफहमी है
बता नहीं सकते
जिसे मैंने चाहा
उसने कभी नहीं चाहा
दिल और दिमाग क्या है
बता नहीं सकते !!!
जाने कैसे प्रेम किया होगा
जब चार शादियां की होगी
क्या शराफ़त है उनकी !
क्या मोहब्बत ऐसी होगी !!!!
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_ राजकपूर राजपूत
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