Festival of Love Poem
प्यार का पर्व
जब भी मनाओगे
तो सेक्स का प्रदर्शन होगा
अनुमति होगी
सेक्स का
प्यार के बहाने
क्योंकि प्रेम एहसास है
जिसे खुली ऑंखों से
देखा नहीं जा सकता है
खासकर भीड़ में
इशारे होते हैं
सेक्स के
जहॉं कई आवाजें
सुनाई देगी
मस्ती से लेकर
वासनाओं की मांग होगी
जो तेरे दिल में भी
प्यार के नाम पे
चाहत होगी
ऐसे में भटक जाते हैं लोग
प्यार के नाम पर
जब सेक्स प्रदर्शन होता है
प्यार के नाम पे
जब पर्व होता है !!!
Festival of Love Poem
प्यार
सेक्स की कोमल अभिव्यक्ति है
जिसमें परस्पर दुलार किया जाता है
सेक्स की प्राप्ति तक
उसके संतुष्टि तक !!!
फैशन भी इस तरह
दांपत्य जीवन मस्ती के नाम पर
सेक्स को इंगित करते हैं !!!!
---राजकपूर राजपूत''राज''
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1 टिप्पणियाँ
Sundar 👌👌👌👌
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