Satire is a Tool Poem in hindi
एक विचार
जो अक्सर लोगों को थकाता है
वो है व्यंग्य
जो हृदय को भीतर से
छलनी करते हैं
साहित्यकार
इसे बुराई पर
प्रहार करने के लिए अपनाते हैं
ताकि सुधार हो
जबकि राजनीतिक
इसे थकाने और खिल्ली
उड़ाने के लिए
कुछ तर्को का
सहारा लेकर
लोगों को बरगलाते हैं !!
Satire is a Tool Poem in hindi
साधारण नहीं था
तुम्हारा बहाव
जैसा कि तुमने कहा था
मैं नदी हूं
निरंतर बहता हूं
जबकि तुम टकरा नहीं पाएं
चट्टानों से
तुम बचकर निकल गए
सीधे-सीधे रास्तों पर
ये कैसी है
बातें तेरी !!!!
साधारण शब्दों में नहीं कहा तुमने
बड़ी-बड़ी बातों को
सबके सामने तुमने कहें
जबकि वहीं बात
आगे चलकर
मुकर गए
सियासी !!!
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चार लोग हंस दे कहीं
सुनकर अच्छे
विचार बदल दें वही
एक थकावट है व्यंग्य
सियासत है वहीं
व्यंग्य करो किसी के विचारों पर
आत्मचिंतन से पछताएगा वहीं
मजबूती सोच विचार चाहिए
व्यंग्य सियासत को
मारेगा वहीं
तुम भी शिकार हो
अपनी अच्छाई छोड़ रहे हो यही !!!
वो और आक्रमकता दिखाएगा
अपना एजेंडा छुपाएगा
तुम्हारे विचार तोड़ कर
अपना विचार लाएगा !!!!
उपहास उड़ाइए
लोग लज्जित हो जाएंगे
अपना विचार भूल जाएंगे
जिसे वो कहता रहा अपना
उसे अपनाने में शर्मिंदा हो जाएंगे !!!
---राजकपूर राजपूत''
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