tum-khush-raho-kavitaऐसे प्यार को कभी पाया नहीं जा सकता है । जो अपने शर्तों को अंतिम निर्णय मान लिया गया है । ऐसे लोग बहुत ही कठोरता से पालन करते हैं । जिसे सीने में किसी गैर के लिए जरा सी भी जगह नहीं होती है । ऐसे लोगों के बीच संबंध स्थापित करना, अपने अस्तित्व और प्यार को कुंठित करना है । ऐसे लोगों से दूर रहना ही उचित है ।
कविता हिन्दी में 👇👇
tum-khush-raho-kavita
तुम खुश रहो
तुम कहीं भी रहो
मगर खुश रहो
मेरे पास रहो
चाहे हैदराबाद में रहो
लेकिन आबाद रहो
मेरी यही चाहत है
तुम हर हाल में
खुश रहो
मैंने नफ़रत सीखा नहीं
माना तेरे भीतर
मेरा प्यार दिखा नहीं
फिर भी मैं
अपने प्यार को
मारना नहीं चाहता हूं
लेकिन अब तेरे पास
आना नहीं चाहता हूं
मेरे बस में नहीं है
अब प्यार जताना
अब चाह कर भी
मुश्किल है
तेरा प्यार पाना
तुने तो सीख ली है
होशियारी
और तुने देख ली है
मेरे भीतर
मेरे प्यार में ग्वारी
ये दृष्टिकोण है तुम्हारा
अंतिम निर्णय है तुम्हारा
जहां मेरा प्यार
कुंठित होता है
रोज रोज
लेकिन मैं अब
अपने प्यार को
कुंठित होते
देखना नहीं चाहता हूं
इसलिए तुमसे
दूर रहना चाहता हूं !!!!
तुम मुझे प्यार करते हो
ये कई बार कहा तुमने
लेकिन एक शर्त के तहत
जिसमें दूरी हो
निश्चित
और मुझे लगता है
दूरी एक दिन
प्रेम को मार देगा !!!!!
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- राजकपूर राजपूत
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