सोचा हुआ था जो कुछ I Thought Poetry Hindi

I Thought Poetry Hindi 
सोचा हुआ था जो कुछ 
आँसूओं में बह गए सबकुछ 

लाया जिसे दिल के करीब 
वो लूट के ले गए सबकुछ

सुना है कि इश्क जिंदगी है
तकलीफ़ देकर ले गए सबकुछ

न दिल हमारा न धड़कन हमारी
जिंदगी न बची ले गए सबकुछ

मेरे हिस्से अब कुछ भी नहीं आया
आंसू बहा गया मेरा सबकुछ !!!!


I Thought Poetry Hindi


तुने कभी
भूलने की कोशिश नहीं की
उन बातों को
जो कभी हुई थीं 
गलतियां
तुने याद रखा
नफ़रत की तरह पाला
और जब जब
अवसर मिला
तुने बदला लिया
तुम्हारे बदला लेने की प्रवृत्ति
मेरी उन गलतियों से ज्यादा है
जिसे मैं याद रखता हूं
तुझे नफ़रत करते हुए !!!!


तू मिला मुझे यही बहुत है
मेरे जीने के लिए यही बहुत है
मुश्किल से मिलते हैं यार 
तेरे प्यार से दो बोल बहुत है 
जमाने ने सताया है क्या बताऊं तुझे
आज मैं जिंदा हूं यही बहुत है 
हिसाब किताब से बनते हैं रिश्ते
मेरे हिस्से में नुकसान बहुत है
मेरी मुस्कान न देखा करो तुम
मेरे सीने में दर्द बहुत है
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