हर चीज सही थी love poem

love poem 


तकदीर में हमारी
हर चीज सही थी
केवल तू ही नहीं थी
ये पेड़ ये पत्ते
ये पर्वत ये नदियॉं
ये फूल ये कलियॉं
मेरी राहें तेरी गलियॉं
जहॉं ठहरने के लिए
हर चीज़ सही थी
मगर तेरे बगैर
हर चीज में कमी थी
क्योंकि..वहॉं 
केवल तू ही नहीं थी
जिसके बगैर 
मेरी जिंदगी अधूरी थी ! !

मैंने चाहा जिसे
मैंने पुकारा जिसे
वो सुन नहीं पाई
मेरे दिल की आवाज
मैं बस पुकारता ही रहा
कल और आज !!!

इन्हें भी पढ़ें 👉 तुम ही तो थे 
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ