कठिन है डगर मुस्कुराते चलो

ठहरो  ! सोचो आगे बढ़ो
कठिन है डगर मुस्कुराते चलो

झुक जाएगा आसमॉं भी
खुद को यकीं दिलाते चलो

कठिन है चुनौती स्वीकार करो
सामने पहाड़ है मान के चलो

ऑंधियॉं रूख़ मोड़ लेगी
बाजुओं को लड़ाते चलो

मिल जाएगी मंजिल तुझे
अंगद का पांव जमाते चलो

ये दुनिया कहती है सदा
कोई नहीं है साथ अकेले चलो

मंजिल उससे दूर नहीं है
बस आगे आगे कदम बढ़ाते चलो
कठिन है डगर




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