तुम्हें बदलना नहीं चाहते हैं
जैसे हो वैसे ही पाना चाहते हैं
बदल के तेरे इरादे क्या फायदा
जबरदस्ती तेरे दिल मेंं फंसे क्या फायदा
कल कोई और बदल देंगे क्या फायदा
मेरी चाहत का अहसास नहीं तो क्या फायदा
अपनी चाहत के बीच में जगह दो
मैं चाहता हूॅ॑ मुझे दिल से अपना लो
चालाकियों से सदा ही नफ़रत की है
हमने तो तुम्हें दिल से मोहब्बत की है
0 टिप्पणियाँ