Meri Jindagi Adhuri Kavita
तुम आओ
मेरी जिंदगी में
खुशबू बनकर
बस जाओ
मेरी धड़कनों में
मेरी जिंदगी बनकर
ताउम्र भर !!!
यकीं बहुत है तुझपर
जितना विश्वास है खुद पर
ऐसे माहौल बनाकर गए
इल्ज़ाम लगा सकते नहीं है तुझपर
चाल शतरंज की चलो तो ठीक है
रिश्तों पे चलते हो छोड़े हैं डुबो कर !!!
Meri Jindagi Adhuri Kavita
जिंदगी
उलझी रही
जितनी चाहत अधूरी रही
मैं सहेज रहा था हर पल
कुछ मिली कुछ बिखर गई !!!!
आज भी स्पर्श कर जाता हूं
तेरा साथ
जैसे तुम साथ चले
छांव की तरह
प्यास लगने के बाद
गटागट पी कर
जैसे तृप्त हुई
मेरी प्यास
और मुझे महसूस हुआ
पानी की कीमत
ठीक उसी तरह
जैसे हवाएं
लथपथ पसीने से
तर-बतर
स्पर्श करती है
बदन को
शीतलता देते हुए
एक नई ताजगी
नए कामों में
प्रेरित करते हैं
साहस देते हुए
ठीक वैसे ही
तेरा स्पर्श
मुझे जीने के लिए
प्रेरित करते है
सदा साथ रहने के लिए
तुम्हारे बिना
दुनिया बेकार है !!!!!
अभी और चाहिए
अहसास
मीठा- मीठा
जीवन को संतुष्ट करने के लिए
पर्याप्त समय तक
तुम रहो साथ !!!!
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