जरूरी नहीं Poetry is not Necessary

Poetry is not Necessary 
जरूरी नहीं
मुझे मंजिल मिले
जरूरी है मुझे
तेरा दो पल का
साथ मिले
जिसकी यादों में
सफर करूॅ॑
उम्रभर !!!

जरूरी नहीं
जो बोलते हैं
वो करते हैं
बातें हैं
बातों का क्या
कह दिया
निकल गया
जो यकीन करते हैं
वहीं पछताते हैं !!!

Poetry is not Necessary

सियासत में सब जायज़ है
तुम कहते - कहते
इश्क में ले आए
चरित्र में ले आए
समाज में शामिल किए
जायज़ रूप में
व्यक्तिगत हितों को
प्राथमिकता दी
सभी मापदंडों को ढकोसला कह कर
सब जायज़ है
कह दिया !!!!!

जरूरी नहीं है
जिससे प्रेम हो
प्रेम के काबिल हो
अपना ही प्रेम
उसे परिभाषित करते हैं
जो बुरे हैं
वो भी अच्छे हैं !!!!

जरूरी नहीं है
हर चीज़ सही है
प्रेम में पड़ गए तो
सब चीज़ सही है !!!!
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