और ऑ॑खों की तंद्रा टूटी
आदमी उसी समय जाग उठा
पूर्व दिशा में जब सूरज जाग उठा
ले के नई रौशनी अपनी राह में
पंक्षी उड़े ऊंचे आसमान में
हृदय के भीतर धरे अरमानों से
जो निकल पड़े हैं अपने घोंसलों से
जीवन को निरंतरता देने के लिए
अपनो की खुशी के लिए
एक नई तलाश में,,, !!!!
2 टिप्पणियाँ
Bahut hi sundar rachana
जवाब देंहटाएंधन्यवाद आपका
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