मैं जिंदा भी नहीं था

मैं हारा भी नहीं था
मैं जीता भी नहीं था

कुछ दिनों से दर्द है सीने में
मैं रोया भी नहीं था

मैं तेरे प्यार में पागल
कभी सोया भी नहीं था

अब तुम्हीं कहो मेरे खुदा
मैं जिंदा भी नहीं था मरा भी नहीं था
---राजकपूर राजपूत''राज''
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