अपनी यादों में

जिसका ख्याल होता है ।poem in your memory उसका अरमान होता है ।  वहीं यादों में होती है । लोग बदलते जाते हैं ,  पल-पल में । जो जमाने के साथ बदल जाते हैं । नहीं बदलता है तो केवल प्यार । जिसे हृदय से लगाए रहते हैं । जिसकी यादें बनाकर । चाहे लालच हो या प्यार हो । व्यवहार बदल जाएंगे मगर नीयत नहीं । पढ़िए इस पर कविता 👇👇

poem in your memory 


पल दो पल के लिए
मुझे तेरे प्रेम का स्पर्श चाहिए
जिसमें मैं ठहर सकूॅ॑
ऐसा मुझे अहसास चाहिए
जिसे मैं उम्रभर
अपने ख्यालों में
समा सकूॅ॑
अपनी यादों में
सजा सकूॅ॑
ऐसा पल दो पल चाहिए
जीने के लिए !!

अपनी यादों में

समेटकर रखा हूॅं
प्रेम का दर्द, पीड़ा 
जब भी अधूरा महसूस करता हूं
खुद ही खरोंच देता हूॅं
अपना दर्द
ताकि उभर आए 
तेरी तस्वीर
जिससे कर सकूं
शिकायत तेरी
अपने दर्द का
जो तुमने दिए हो
मुझे !!!

पल-पल में मरता है

आदमी  मरता है
एक ठोकर लगी
आदमी मरता है 
प्रोग्रेसिव विचार है उनके
व्यक्तिगत लालच पे मरता है
बहस उनके व्यक्तिवादी है
सच मरता है
लाभ नजरिया भाता है
मगर ईमान मरता है
रंग बदलने में माहिर
गिरगिट मरता है
पैसा है सबसे बड़ा
संसार मरता है
जीने की उम्मीद नहीं
जब अरमान मरता है
नेताओं की तालियों से
विचार मरता है
पीठ पीछे बोलते हैं
अपनापन मरता है !!!
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