mithi-nind-mujhe-bhi-aane-do
मीठी नींद मुझे भी आने दोमीठी नींद मुझे भी आने दो
ख्वाब मुझे भी सजाने दो
सुनी पड़ी है बगिया सारी
कोयल को भी गीत गाने दो
तड़प उठी हैं ॲ॑खियाॅ॑ मेरी
जी भर अश्रु मुझे बहाने दो
थक चुका है जीवन मेरा
सूरज की किरणों को आने दो
नहीं चाहिए मुझे मतलब की दुनिया
जी भर प्यार मुझे भी पाने दो
तू रूठे तो जग रूठे
मान जाओ जितना प्यार है मुझे पाने दो
वक्त नहीं है अभी लड़ने का
नफ़रत भूलों मुझे प्यार से जीने दो
मौसम और भी आएंगे मगर
हर मौसम में तेरा साथ पाने दो
तू नहीं तो जीने का मजा नहीं
तेरे सीने में मुझे बस जाने दो
इन्हें भी पढ़ें 👉 तेरे साथ जीने का मजा
---राजकपूर राजपूत''राज''
0 टिप्पणियाँ