सुनापन तेरे शहर का
तेरे शहर में जो सुनापन है
लगता नहीं वहां इंसान है
बल्बों से जगमगा रहे हैं
मगर दिलों में खालीपन है
दिमाग तेज है ढेरों किताबों से
दिल के जज़्बात से अनजान है
सुविधा ढूंढती है तुम्हारी आंखें
राम को छोड़ रावण महान है
मिलती नहीं मंजिल किसी को
जिरह करने में तू महान है
---राजकपूर राजपूत''
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