Man is alone every moment Poem
आदमी हर पल अकेला होता है
जब भीड़ का मेला होता है
कुछ आंसू कुछ कांधे मिल जाएंगे
कब्र में आदमी अकेला होता है
किसको कहें यहां अपना
खुद के एहसासों में अकेला होता है
जो बदलाव लाएगा उसका
हां सारा जमाना चेला होता है !!!
Man is alone every moment Poem
जो विचार है समाज का
जिसमें जी रहे हैं
अधिकांश लोग
उनके विरुद्ध विचार प्रेषित करिए
बार-बार अहसास कराइए
वो ग़लत है
एक समूह बनाइए
अपने विचारों का
हीनता भरिए उनके विचारों में
और दिखाइए सब जगह से यह सच है
हालांकि यह राजनीतिक हथकंडा है
लेकिन अपनाइए,,
समाज में बदलाव के लिए
जिस विचार को स्थापित करना चाहते हैं !!!!
मैंने हर पल महसूस किया
मैं अकेला हूं
अकेला हूं तो
किसी को नहीं कहा
साथ आने के लिए
मैं जानता हूं
साथ नहीं दे सकता
किसी का
इसलिए उम्मीद नहीं की
किसी और की !!!!
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-राजकपूर राजपूत राज
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