Democracy and Crowd Poetry
सच्चा लोकतंत्र तो वही है
हाॅ॑ जिसके तले सभी है
अपना हक देखें फर्ज देखें
क्या ग़लत क्या सही है
अभिव्यक्ति हो, आजादी हो
शर्त है देखना, आघात तो नहीं है
हर लफ़्ज़ों को संभाल के कहें
किसी की जज़्बात तो नहीं है
जो दावे करते हैं ईमानदारी की
समझो सियासत तो नहीं है
चालाकियाॅ॑ ही समझदारी है राज़
देखना वो चापलूस तो नहीं है !!!
Democracy and Crowd Poetry
लोकतंत्र की खासियत है
ये भीड़ से चलता है
जिसकी ज्यादा भीड़
वो फैसला करता है
लोकतंत्र का नेतृत्व
लेकिन लोकतंत्र में
भीड़ भी बढ़ाया जाता है
सजाया जाता है
टेंट
जिसके तले जितनी भीड़
उतनी शक्ति
इसलिए लोग बुलाएं जाते हैं
और जो आते भीड़ के आधार पर
सरकार हिलती है !!!!
---राजकपूर राजपूत''राज''
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