Meree-shaam-chay-ke-nam
जिंदगी की तलाश में
थक जाने के बाद
चाय के साथ तुझसे बातें
तेरी यादों में खो जाता हूॅ॑
और ख्यालों में ही मुलाकातें
कुछ तसल्ली हो जाती है
कुछ ख़्वाब बुन लेता हूं
और कट जाती है मेरी रातें
इस तरह मेरे ख्याल से
चाय मिलाती है तुझसे !!
तुम्हारा हंसना
तुम हंसती हो तो
धरती की रंगत बढ़ जाती है
जैसे बरसात के बाद
धूल बैठ जाते हैं
कहीं पर
ठीक वैसे
तुम्हारा हंसना मेरे
मेरी पीड़ा हर लेती है !!!
---राजकपूर राजपूत
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