ऐ दोस्त - कविता

मेरी हर समस्या का हल हो तुम 
मेरी जिंदगी में आज और कल हो तुम

कांटे बहुत है सफ़र मेरे दोस्त
तेरा साथ मिले तो फूल हो तुम

सफ़र में मैं अकेला कब तक चलूं
तुम आओ, मेरे जीवन का बहार हो तुम

यहां बिना सहारे के भला कौन जीता है
मेरी जिंदगी मेरा संसार हो तुम

---राजकपूर राजपूत'
ऐ ! दोस्त


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