तारीफ Tarif Unki kaisi Kavita

Tarif Unki kaisi Kavita 
तारीफ सुनना नहीं चाहता
क्योंकि इसके सिवा और भी काम है
बेशक तुम्हें लगता होगा
ये दिल का बहलाना अच्छा काम है
तो शायद ! तेरे पास नहीं कोई दूसरा काम है
क्यों वक्त गुजारना छोटी मोटी बातों पे
थोड़ा ठहर जा, करने के लिए और भी काम है !!!

Tarif Unki kaisi Kavita 

तारीफ करूं तो किसका
सब चालाक लगते हैं
बातें कुछ काम कुछ और करते हैं
सलाह और आलोचक नफ़रत से करने लगे हैं 
उनकी प्यार की बातों में इरादें छुपे हैं 
तारीफ करूं तो किसका
सब चालाक लगते हैं !!!

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