first love poem in hindi
( 1)
मैं पहले ऐसा नहीं था
मैं तुझसे मिला नहीं था
सिर्फ नज़रें मिली और क्या
मेरा होश ही नहीं था !!
( 2 )
सोच लेता था बहुत कुछ
अब हालात मेरी मत पूछ
तुम आ जाओ मेरी जिंदगी
कर गुजर जाऊंगा बहुत कुछ
बाद में समझाते हैं लोग मुझे
जब इश्क़ में लूट जाते हैं बहुत कुछ !!!
जब इश्क हुआ था
खुद से अनजान हुआ था
मैं कुछ और भी चाहता था
इश्क से पहले अरमान हुआ था
अब सबकुछ भूल चुका हूं
इस क़दर नादान हुआ था
---राजकपूर राजपूत''राज''
1 टिप्पणियाँ
बहुत खूब
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